लखनऊ के दारुल शफा ए-ब्लॉक से अंबेडकर प्रतिमा (हजरतगंज) तक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा 20 मार्च का दिन "जाति अपमान दिवस" के रूप में चिन्हित किया गया और वर्तमान सरकार के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन का आयोजन कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित जाति, जनजाति प्रकोष्ठ) समाजवादी पार्टी सर्वेश अंबेडकर के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा पांच कालीदास मार्ग का शुद्धिकरण किये जाने को पार्टी कार्यकर्ताओं ने जातीय अपमान का प्रतीक बताया और कहा कि शुद्र समाज जातियों का अपमान नहीं सहेगा. इसके अतिरिक्त सर्वेश अंबेडकर ने बताया कि मनुवादियों द्वारा दलित पिछड़ों के नायकों का इस तरह अपमान किया जाना बेहद गलत है और यह बर्दाश्त नहीं किया सकता है.
20 मार्च 1927 ही वह दिन था, जब बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महाद तालाब का सत्याग्रह किया गया, जिस तालाब में दलितों को पानी पीना मना था. पार्टी के अनुसार ठीक इसी तरह की घृणित मानसिकता आज भी बदस्तूर चली आ रही है, इसी मानसिकता के चलते 20 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव के द्वारा जब सरकारी आवास खाली किया गया तो उसको मनुवादियों द्वारा गंगाजल से धुलवाकर कर शुद्ध करने की नौटंकी की गयी. यह अपमानजनक कृत्य मानवता एवं संविधान विरोधी था. इन अपमानजनक परंपराओं और हिमाकत के ऊपर अंकुश लगाने के लिए सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया गया. इसमें समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद, ब्लॉक प्रमुख लाल प्रताप यादव, राधा यादव, राकेश कटियार, दुर्गेश कनौजिया, विपिन यादव, पूनम मौर्या, ओमवीर यादव, एडवोकेट उमाशंकर यादव एवं तमाम साथी गण मौजूद रहे.