बहुचर्चित 13 रोस्टर मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ द्वारा माननीय सर्वेश अंबेडकर जी के नेतृत्त्व में काफी समय से आंदोलन किया जा रहा था. सत्र के दौरान सर्वेश जी एवं अन्य बहुत से सपा कार्यकर्ताओं द्वारा विधनासभा एवं हजरतगंज (लखनऊ) में अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर 13 रोस्टर प्रणाली का विरोध किया जा रहा था, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को दोबारा 200 पॉइंट रोस्टर लागू करना पड़ा. आज भारत के समस्त सामाजिक, राजनीतिक संगठनों को लम्बे संघर्ष के बाद यह जीत हासिल हुई है.
यह भी पढ़ें - उच्च शिक्षण संस्थानों में 13 पॉइंट रोस्टर के विरोध में हजरतगंज चौराहा में सपा का विरोध प्रदर्शन
उच्च शिक्षा संस्थानों में कथित 13 रोस्टर प्रणाली को सर्वेश अंबेडकर जी ने पिछड़े और दलित वर्ग के अधिकारों का हनन बताया था, उनका मानना है कि यह प्रणाली हमारे भारतीय संविधान की मौलिक संरचना को विकृत कर रही थी, पहले से ही मौजूदा सरकार के राज में बेरोजगारी की दर अत्याधिक है, ऐसे में कोई भी व्यर्थ अधिनियम लाकर दलित वर्ग के उच्च शिक्षित नौजवानों को प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर आदि बनने से रोक देना कहीं से भी उचित नहीं था. समाजवादी पार्टी संविधान एवं बाबा साहेब के द्वारा प्रतिष्ठित आरक्षण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इस पर कोई आंच नहीं आने देगी.
यह भी पढ़ें - 13 रोस्टर पॉइंट समाप्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन एवं राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन
सर्वेश अंबेडकर जी ने कहा कि जिस प्रकार 200 रोस्टर पॉइंट व्यवस्था वापस लागू हुई, वास्तव में यह समाजवाद की विजय है और प्रत्येक समाजवादी के लिए गौरान्वित कर देने वाला क्षण है. हमारे दलित भाइयों के लिए आरक्षण कोई भीख नहीं है, अपितु यह उनका संवैधानिक अधिकार है. बाबा साहेब द्वारा प्रतिस्थापित सामाजिक न्याय की इस व्यवस्था को कोई भी सरकार हमसे नहीं छीन सकती है और जब भी इस प्रकार की अराजकता देश में होगी, हम सच्चे समाजवादी के रूप में इसकी खिलाफत करेंगे.
नमस्कार, मैं सर्वेश अम्बेडकर आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.